Kavita Mana Manatali
Saturday, July 11, 2015
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जायें हम दोनों... क्या बात हें साहिरजी... कविता आवडल्यास " कविता मना-मनातली " पेज लाईक आणि शेअर करायला विसरू नका मित्रांनो....
[ Sahir - Poet- Kavita Mana Manatali ]
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